चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है। इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। पहले दिन माता के पहले स्वरूप यानी मां शैलपुत्री की पूजा होती है। माता शैलपुत्री को करुणा, ममता और स्नेह का स्वरूप माना गया हैं। इनका स्वरूप बेहद सरल और सौम्य हैं। उन्हें पहाड़ों की पुत्री के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां की सच्चे मन से पूजा करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सारी समस्याओं का हल मिलता है। तो आइए नवरात्रि के पहले दिन की कथा, मंत्र आरती और पूजा विधि जान लेते हैं।
मां शैलपुत्री व्रत कथा (Maa Shailputri Vrat Katha In Hindi)
पौराणिक कथा के अनुसार, मां शैलपुत्री (मां सती) राजा दक्ष की पुत्री थी। एक बार राजा दक्ष ने अपने राजमहल में एक यज्ञ का आयोजन रखा था। इस यज्ञ में उन्होंने सभी देवी-देवताओं को बुलाया था। लेकिन अपने अपमान का बदला लेने के लिए उन्होंने अपनी पुत्री के पति यानी भगवान शिव को ही उस यज्ञ में नहीं बुलाया था। जब माता सती ने भगवान शिव को अपने पिता द्वारा आयोजित यज्ञ में जाने की बात कहीं, तो भगवान ने उन्हें उस यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। लेकिन, जब माता सती अपने पिता के पास राजमहल पहुंची तो उन्हें पता चला कि भगवान शिव को छोड़ सभी देवताओं बुलाया गया है। यह देख माता दुखी हो गईं। राजा दक्ष सिर्फ इतने से शांत नहीं बैठे वह सभी देवताओं के सामने भगवान शिव के लिए अपमानजनक शब्द बोलने लगें। ये सब सुनकर माता सती को बर्दाश्त नहीं हुआ। वह क्रोधित हो गईं और उसी समय यज्ञ की वेदी में कूदकर अपने प्राण की आहुति दे दीं। शास्त्र के अनुसार, इसके बाद माता सती का अगला जन्म हिमालय राज्य के घर कन्या के रूप में हुआ। जो शैलपुत्री कहलाती हैं।
मां शैलपुत्री की पूजा विधि (Maa Shailputri Puja Vidhi In Hindi)
नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सफेद वस्त्र धारण करें।
अब लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर गंगा जल छिड़ककर उसे शुद्ध करलें।
इसपर केसर से स्वास्तिक बनाएं और यहां मां शैलपुत्री की प्रतिमा स्थापित करें।
अगर आपके पास मां शैलपुत्री की प्रतिमा नहीं है तो आप मां दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं।
पूजन के समय माता की मनपसंद सफेद वस्त्र, सफेद फूल और सफेद रंग की मिठाइयां अवश्य चढ़ाएं।
पूजा के बाद मां शैलपुत्री के मंत्रों का 108 बार जाप करें।
फिर माता की आरती गाकर पूजा का समापन करें।
मां शैलपुत्री पूजा मंत्र (Maa Shailputri Puja Mantra)
-ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
-वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।
मां शैलपुत्री भोग (Maa Shailputri Bhog)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाना चाहिए। क्योंकि सफेद रंग इनका प्रिय होता है। इस दिन माता को गाय का घी और गाय के घी से बनी चीज़ें जरूर अर्पित करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है इन चीज़ों के अर्पण से माता रानी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आरोग्य और सुखी जीवन का आशीर्वाद देती हैं।
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