Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर बन रहा है खास योग, जानिए स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि
Makar Sankranti 2023: इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन से खरमास खत्म हो जाते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन सूर्य देव की उपासना करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त और पुण्य काल...
मकर संक्रांति 2023 की शुरुआत
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है, इसलिए मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त
15 जनवरी 2023: सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक
मकर संक्रांति महा शुभ मुहूर्त
15 जनवरी 2023: सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सुबह 9 बजकर 04 मिनट तक
मकर संक्रांति पर शुभ और महा शुभ मुहूर्त का महत्व
मकर संक्रांति के दिन शुभ और महा शुभ मुहूर्त का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शुभ और महा शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होती है।
शुभ मुहूर्त में इन चीजों का करें दान
मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में जूते, अन्न, तिल, गुड़, वस्त्र, कंबल दान करने से शनि और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति पर दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है. इस दिन जिन लोागें की कुंडली में शनि और सूर्य अशुभ हैं. वे इस दिन काले तिल का दान कर सकते हैं. काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है. मकर संक्रांति के दिन काले तिल से सूर्य देव की पूजा की जाती है.मकर संक्रांति के दिन अगर आपके घर पर कोई भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति आता है तो उसे कभी भी खाली हाथ न जाने दें. इस दिन स्नान के पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए.
मकर संक्रांति से जुड़ी पौराणिक मान्यता
भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से मकर संक्रांति का बहुत महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं. चूंकि शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है, इसलिए यह पर्व पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से भी जुड़ा है.
एक अन्य कथा के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाई जाती है. मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था.
मकर संक्रांति के दिन करें इन मंत्रों का जाप
मकर संक्राति के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके कुछ मंत्रों का जाप जरूर करें. सूर्य देव के 5 मंत्र इस प्रकार हैं.
- सूर्य देव के मंत्र
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घ्य दिवाकर:।
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